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18 जुलाई 2010 से प्रत्येक पोस्ट में उठाई गई समस्या के समाधान से संबंधित पोस्ट भी प्रकाशित की जाएगी! पहले पूर्व प्रकाशित समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जाएगा! फिर एक सप्ताह के भीतर ही समस्या और उसके समाधान संबंधी पोस्ट प्रकाशित करने की योजना है! अपरिहार्य कारणवश ऐसा नहीं हो पा रहा है!

कुछ शब्दों को कोश में वर्णक्रम के अनुसार सजाने का प्रयास

प्रिय मित्रो,

आज नीचे दिए गए कुछ शब्दों को 
कोश में निहित वर्णक्रम के अनुसार 
सजाने में मेरी मदद कीजिए - 
1. पंच
2. पद
3. पाँव 
4. पाक 
5. पिंड 
6. पूँछ 
7. पूछ 
8. पृथक 
9. पृष्ठ 
10. प्रश्न 
11. प्रांत 

अनुनाद सिंह  – (11 जनवरी 2010 को 9:01 am बजे)  

रावेन्द्र जी,

वैज्ञानिक एवं तकनीकी हिन्दी समूह के फाइल प्रभाग में इस काम के लिये एक 'आनलाइन' प्रोग्राम भी उपलब्ध है-

देवनागरी शाटन (क्रमक)

हरकीरत ' हीर'  – (11 जनवरी 2010 को 10:59 am बजे)  

आपने ठीक ही तो सजा रखे हैं .....!!

संजय बेंगाणी  – (11 जनवरी 2010 को 11:19 am बजे)  

आप परिक्षा लेना चाहते है तो अलग बात है वरना गूगल के वैज्ञानिक एवं तकनीकी हिन्दी समूह पर जाएं.

रावेंद्रकुमार रवि  – (11 जनवरी 2010 को 4:02 pm बजे)  

धन्यवाद,
अनुनाद जी!
"हिंदी का शृंगार" करनेवाले
बहुत से विजिटर
आपके द्वारा दी गई
जानकारी से लाभान्वित होंगे!

रावेंद्रकुमार रवि  – (11 जनवरी 2010 को 4:05 pm बजे)  

हरकीरत जी!
आप यहाँ आकर
बहुत सच्चे मन से
"हिंदी का शृंगार"
करती हैं!

रावेंद्रकुमार रवि  – (11 जनवरी 2010 को 4:11 pm बजे)  

भाई,
संजय बेंगाणी जी!
"हिंदी का शृंगार" पर
किसी की परीक्षा नहीं ली जाती!
--
यहाँ जो भी आता है,
वह अपना परीक्षण स्वेच्छा से करता है!

राज भाटिय़ा  – (11 जनवरी 2010 को 11:04 pm बजे)  

बहुत सुंदर जी.
धन्यवाद

siddheshwar singh  – (12 जनवरी 2010 को 1:45 pm बजे)  

विद्वान लोग सजायें हम तो बस सजा हुआ देखना चाहते हैं।

रावेंद्रकुमार रवि  – (12 जनवरी 2010 को 4:37 pm बजे)  

सिद्धेश्वर जी!
आगंतुकों का मनोबल बढ़ाने के लिए आभार!

Ashok Kumar pandey  – (12 जनवरी 2010 को 4:58 pm बजे)  

जी मेरा फ़िलवक़्त परीक्षा देने/लेने का विचार नहीं है।
क्षमा करेंगे।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  – (12 जनवरी 2010 को 6:07 pm बजे)  

रावेंद्रकुमार रवि जी!
आपने तो चक्कर में ही डाल दिया!
सभी 11 शब्द सही क्रम में ही लगा रखे हैं।
हिन्दी के प्रचार व प्रसार में
आपके योगदान की सराहना करता हूँ!

keshav  – (21 अप्रैल 2018 को 5:32 pm बजे)  

तड़ित तीव्र , मन अकुलाया .
किन्तु कठिन- हिय , पिय ना आया .

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