Blogger द्वारा संचालित.

फ़ॉलोअर

मेरी ब्लॉग सूची

18 जुलाई 2010 से प्रत्येक पोस्ट में उठाई गई समस्या के समाधान से संबंधित पोस्ट भी प्रकाशित की जाएगी! पहले पूर्व प्रकाशित समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जाएगा! फिर एक सप्ताह के भीतर ही समस्या और उसके समाधान संबंधी पोस्ट प्रकाशित करने की योजना है! अपरिहार्य कारणवश ऐसा नहीं हो पा रहा है!

नवसुर में कोयल गाता है


ये हैं सबकी जानी-पहचानी कविता की चार पंक्तियाँ -

काली-काली कू-कू करती,
जो है डाली-डाली फिरती!
... ... ... ...
... ... ... ...
जो पंचम सुर में है गाती,
वह ही है कोयल कहलाती!

और ये हैं चार पंक्तियाँ एक अनजानी कविता की -

जब बसंत का मौसम आकर,
इस धरती पर सज जाता है!
कुहुक-कुहुककर, कुहुक-कुहुककर,
नवसुर में कोयल गाता है!

अब समस्या यह है कि -
कोयल गाता है या कोयल गाती है?

Read more...

महिला कवियित्री को मिला "प्रियदर्शिनी" पुरुस्कार

निम्नांकित वाक्य
एक में अनेक दिखाने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है -
"महिला कवियित्री सुश्री सरोज़ वाला को
अपनी कविता "श्रृंगार-बर्षा" के लिए
इस बर्ष का "प्रियदर्शिनी" पुरुस्कार दिया गया!"
क्या आप दिखा सकते हैं?

Read more...

मिलत, खिलत, लजियात ... ... .



"कहत, नटत, रीझत, खिजत; मिलत, खिलत, लजियात।

भरे भौन में करत हैं, नयनन ही सों बात।।" 



कविवर बिहारी द्वारा रचित इस लोकप्रिय दोहे में 
किस अलंकार का प्रयोग हुआ है? 


आप सब से अनुरोध है कि इस अलंकार से युक्त 
कुछ अन्य उदाहरण प्रस्तुत कीजिए! 


अगर स्वरचित उदाहरण प्रस्तुत करेंगे, 
तो "हिंदी का शृंगार" अधिक अच्छा लगेगा!

Read more...

कुछ शब्दों को कोश में वर्णक्रम के अनुसार सजाने का प्रयास

प्रिय मित्रो,

आज नीचे दिए गए कुछ शब्दों को 
कोश में निहित वर्णक्रम के अनुसार 
सजाने में मेरी मदद कीजिए - 
1. पंच
2. पद
3. पाँव 
4. पाक 
5. पिंड 
6. पूँछ 
7. पूछ 
8. पृथक 
9. पृष्ठ 
10. प्रश्न 
11. प्रांत 

Read more...

एक प्रश्न - 2

क्या आप जानते हैं --


"उर्दू"


कौन सी भाषा का शब्द है ?

Read more...

गत हिंदी-दिवस पर "सरस पायस" के माध्यम से दी गई विशेष जानकारी

प्रिय मित्रो,

जैसा कि विदित है - 
मेरे ब्लॉग "सरस पायस" पर प्रकाशित सभी पोस्टें 
गत नवंबर में किसी अज्ञात कारणवश मिट गई थीं! 
प्रस्तुत महत्वपूर्ण पोस्ट भी उन्हीं में से एक है!

आज इसे "सरस पायस" व "गूगल खोज" से साभार उसी शान के साथ 
पुन: "हिंदी का शृंगार" पर प्रकाशित करके मुझे बहुत हर्ष हो रहा है -

हिंदी-दिवस पर विशेष जानकारी



हिंदी-दिवस पर विशेष जानकारी
-------------------------------------------

-------------------------------------------
जी हाँ, आप इस संयुक्ताक्षर को बिल्कुल सही पहचान रहे हैं,
जो कि अंतरजाल पर मुश्किल से ही दिखाई देता है।
क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट द्वारा उपलब्ध
मंगल फॉण्ट से इसे टाइप करना असंभव है।

अत: इसके लिए प्रयास करना व्यर्थ है।

हिंदी चिट्ठाकारी (ब्लॉगिंग) से जुड़े सभी साथियों को
इसके विकल्प के रूप में उपलब्ध शुद्ध संयुक्ताक्षर
"शृ"
का प्रयोग करना चाहिए।

ग़लत संयुक्ताक्षर "श्रृ" लिखने से यह ज़्यादा अच्छा है।




श्रृंगार की जगह शृंगार,
श्रृंग की जगह शृंग,
श्रृगाल की जगह शृगाल,
श्रृंगिका की जगह शृंगिका
इत्यादि लिखना किसी भी प्रकार से त्रुटिपूर्ण नहीं है।


टिप्पणी के रूप में इससे संबंधित
आपके द्वारा दी जानेवाली जानकारी का स्वागत है!
-- रावेंद्रकुमार रवि --



30 comments:




संजय तिवारी ’संजू’ ने कहा…


आपको हिन्दी में लिखता देख गर्वित हूँ. भाषा की सेवा एवं उसके प्रसार के लिये आपके योगदान हेतु आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ.



Mithilesh dubey ने कहा…


आप अगर चाहें तो इसे uninagri मे आराम से लिख सकते हैं,। जैसे---------- श्रृंगार



डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…


रवि जी! हिन्दी-दिवस की पूर्व सन्ध्या पर आपने अच्छा तोहफा दिया है। आभार!



Vivek Rastogi ने कहा…


लेकिन आप इसे बाराह में लिख सकते हैं - श्रृंगार, श्रृंगिका आदि..



चंदन कुमार झा ने कहा…


बहुत सुन्दर भैया । अच्छी जानकारी के लिये आभार ।



बी एस पाबला ने कहा…


श्रृंखला श्रृंगार श्रृंखला श्रृद्धांजलि श्रृंगिका जैसे शब्द बड़े आराम से, मंगल फोंट में, लिखे जा सकते हैं देखिए यह पोस्ट किसी विकल्प की बजाए अपने ध्येय को पाना, एक विजय है। चाहे वह किसी भाषा के एक अक्षर को लिखा जाना ही क्यों ना हो। बी एस पाबला



आनन्द वर्धन ओझा ने कहा…


उचित निदेश है, लेकिन 'विजिट' यह सुविधा नहीं देता ! --आ.



creativekona ने कहा…


मित्र रवि जी, मैं पाबला जी से सहमत हूं। श्रृंखला श्रृंगार -----ऐसे ही अन्य बहुत से शब्दों को हिन्दी राइटर की सहायता से आप मंगल फ़ाण्ट में लिख सकते हैं।बस आपको अपने कम्प्युटर में हिन्दी राइटर इन्स्टाल करना होगा।तथा उसके की बोर्ड मैप को समझना होगा। शुभकामनाओं के साथ। हेमन्त कुमार



संगीता पुरी ने कहा…


हिन्‍दी के सरलीकरण का एक और अच्‍छा प्रयास .. पर मुझे तो आजतक कोई दिक्‍कत नहीं आयी है .. श्रृं को टाइप करने में .. ब्‍लाग जगत में आज हिन्‍दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्‍छा लग रहा है .. हिन्‍दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!



sidheshwer ने कहा…


बस जी , असल बात यह है कि संवाद हो जाए चाहे जो हो . 'शृ'हो या 'श्रृ' . वैसे मुझे 'श्रृ' लिखने में कोई दिक्कत नहीं है ! * मेरी ड्रूष्टि में होना तो 'श्रृ' ही चाहिए ! बाकी आपकी पसन्द !



डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…


मेरी दृष्टि में "श्रृ" अशुद्ध है।



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


मुझे बहुत खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि सम्मानित मित्रों ने संबंधित संयुक्ताक्षर से युक्त जितनी भी वर्तनियाँ यहाँ अपनी टिप्पणियों में टंकित की हैं, वे सभी अशुद्ध हैं!



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


श्रृद्धांजलि टंकित करने में तो आदरणीय पावला जी द्वारा दोहरी ग़लती की गई है! सही वर्तनी है - श्रद्धांजलि!



Dr. shyam gupta ने कहा…


ravi va roopchandr shaatreeji ne thhek kahaa hai yah---shr(i)ngar hai naki shr(a)ngar---do baar 'r' bhee naheen aanaa chaahiye. ---parantu 'shriddhaanjali bhee isee tarah likhee jaatee hai. --- abhee mera hindee font kaam naheen kar rahaa.-----



ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ ने कहा…


यह अलग जगाए रखें। -Zakir Ali ‘Rajnish’ { Secretary-TSALIIM & SBAI }



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


रजनीश भाई, यह "अलख" जगाए रखने के लिए आप सबका योगदान भी बहुत आवश्यक है! मैं अकेला कुछ तो कर सकता हूँ, पर बहुत कुछ नहीं!



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


साथियो! अब तो मुझे ऐसा प्रतीत होने लगा है कि अंतरजाल पर मुश्किल से ही नहीं, यह सयुंक्ताक्षर दिखाई ही नहीं देता है। क्योंकि इसे टंकित करने की सुविधा ही पूरे अंतरजाल पर उपस्थित नहीं है!



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


तकनीकी हिंदी गूगल समूह से साभार माननीय अजित वडनेरकर का कथन - "shringar के संदर्भ में श्रृंगार लिखने की बजाय शृंगार लिखना ज्यादा सही है। हालांकि यह भी उचित नहीं है। सही तो यह Sh_ri.jpg है। पर हिन्दी कम्प्युटिंग में यह वर्ण ही नहीं मिलता।" Sh_ri.jpg (यहाँ इस पोस्ट में लगे फ़ोटो-जैसा नन्हा फ़ोटो लगाया गया है, जो यह साबित करता है कि वास्तव में इसे यूनिकोड में टंकित करना असंभव है)



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


तकनीकी हिंदी गूगल समूह से साभार माननीय नारायण प्रसाद का कथन - "दोनों ( "श्रृंगार" व "शृंगार" ) के बीच कोई तुलना नहीं है । "श्रृंगार" बिलकुल अशुद्ध है, जबकि "शृंगार" या "शृङ्गार" शुद्ध । यह बात अलग है कि "शृ" को तीन तरह से लिखा जा सकता है परन्तु अभी पीसी मॉनीटर पर टेक्स्ट रूप में एक ही दिखता है ।



बी एस पाबला ने कहा…


दिलचस्प जानकारियाँ फिर आने लगीं आभार बी एस पाबला



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


पावला जी! कृपया बताइए - इस बारे में अब आपकी क्या राय है?



चंदन कुमार झा ने कहा…


बहुत सुन्दर चर्चा । आज बहुत अच्छी जानकारी मिली शृंगार से सम्बन्धित । आभार ।



राज भाटिय़ा ने कहा…


श्रृ अरे मेने लिख लिया, यानि यह इतना कठीन नही, बाकी मेरे दिमाग मे जो शव्दो के चित्र बचपन से बने है मै लिखते समय उन्हे याद कर लेता हुं, ओर कोई टोक दे तो फ़िर सही करने की कोशिश करता हुं, लेकिन आप की हिन्दी के सामने मै क्या बोलू ? आप का धन्यवाद जो आप ने इतनी सुंदर बात बताई



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


"श्रृ अरे मेने लिख लिया" क्षमा चाहूँगा, भाटिया जी! आपने लिख तो लिया, पर लिखा ग़लत ही है, वैसे ही, जैसे - अन्य लोगों ने ग़लत लिखा है!



राज भाटिय़ा ने कहा…


शृ ओर अब



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


शृ - जी हाँ, भाटिया जी! फिलहाल तो यही एक सही विकल्प है! सौभाग्य से आप आए! आभार!



डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा…


विद्वान टिप्पणीकार बन्धुओं! यूनिकोड या मंगल फॉन्ट में जैसा कि रवि जी ने एक चित्र में शृ के मूल अक्षर की आकृति दिखाई है, वह सम्भव नही है। काम-चलाऊ सरकार से सभी लोग अपना काम चला रहे हैं। इसीलिए अपनी बात सिद्ध करने के लिए पोस्ट के शुरू में दिखाए गये चित्र को अपने गज़ से मापने में लगे हैं। मैं अपनी बात पर दृढ़ हूँ कि यूनिकोड में "शृ" लिखने का कोई विकल्प ही नही है। "श्र" या "श्रृ" से काम चलाना त्रुटिपूर्ण है। मेरी दृष्टि में "शृ" लिखना ही शुद्ध होगा।



रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…


तकनीकी हिंदी गूगल समूह से साभार श्री हरिराम जी का कथन - "शृ लिखना ही तकनीकी दृष्टि से सरल है। यही होना चाहिए।"



संगीता पुरी ने कहा…


ओह ! आज समझ में बात आयी .. यानि अबतक सभी गलत थे !!



Dr. shyam gupta ने कहा…


तकनीकी दृष्टि स सरल होने स उसे व्यवहारिक रूप में अपनाना एक पृथक बात है और सही होना पृथक |

Read more...
Related Posts with Thumbnails

"हिंदी का शृंगार" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नवगीत की पाठशाला पर पढ़िए मेरे ताज़ा नवगीत : बौराए हैं बाज फिरंगी और कर पाएँगे नहीं नाज़

-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

सप्तरंगी प्रेम पर पढ़िए मेरे ताज़ा नवगीत : मेरा हृदय अलंकृत और ओ, मेरे मनमीत!

मेरी रचनाओं का शृंगार : रावेंद्रकुमार रवि

सृजनगाथा में प्रकाशित रावेंद्रकुमार रवि की लघुकथाएँ

१. भविष्य दर्शन

२. शेर और सियार

३. तोते ४. लेकिन इस बार

५. आदर्श

  © Blogger template Shush by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP