Blogger द्वारा संचालित.

फ़ॉलोअर

मेरी ब्लॉग सूची

18 जुलाई 2010 से प्रत्येक पोस्ट में उठाई गई समस्या के समाधान से संबंधित पोस्ट भी प्रकाशित की जाएगी! पहले पूर्व प्रकाशित समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जाएगा! फिर एक सप्ताह के भीतर ही समस्या और उसके समाधान संबंधी पोस्ट प्रकाशित करने की योजना है! अपरिहार्य कारणवश ऐसा नहीं हो पा रहा है!

आँखों में उदासी क्यों है? (समाधान)

मंगलवार, १५ जून २०१० को "हिंदी का शृंगार" पर यह पोस्ट प्रकाशित की गई थी -

आँखों में उदासी क्यों है?

इस बार आपके अध्ययन के लिए कुछ वाक्य दिए जा रहे हैं -
1. नत्थू पहलवान अपनी मूँछों में ताव दे रहे हैं।
2. पेड़ की डाल में फल लगे हैं।
3. वह नदी में तैर रहा है।
4. वह साइकिल से सड़क में गिर गई।
5. दुकान के कुछ कपड़े घर में रखे हैं।
6. आँखों में पट्टी बाँधकर मत दौड़ो!
7. पृष्ठ संख्या पच्चीस में उसका नवगीत छपा है!
8. आँखों में उदासी क्यों है?
क्या आपको ये सभी वाक्य सही लग रहे हैं?
आपका उत्तर हाँ में हो सकता है, पर इनमें से केवल दो ही सही हैं!
क्या आप बता सकते हैं कि इनमें से कौन से दो वाक्य सही हैं?
समाधान :
-------------------------------------------------------------------
सही वाक्य हैं :
3. वह नदी में तैर रहा है।
8. आँखों में उदासी क्यों है?
अन्य वाक्यों में "में" के स्थान पर "पर" होगा!
सही उत्तर देनेवालों को बधाई, जिनके नाम हैं :
रंजन, इंदु पुरी गोस्वामी और पद्मसिंह!
-------------------------------------------------------------------

राजभाषा हिंदी  – (10 अक्तूबर 2010 को 7:25 am बजे)  

बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

मरद उपजाए धान ! तो औरत बड़ी लच्छनमान !!, राजभाषा हिन्दी पर कहानी ऐसे बनी

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  – (10 अक्तूबर 2010 को 6:41 pm बजे)  

कल बाहर था इसलिए इस पोस्ट को नही देख सका!
--
समाधान लगाने के लिए बधाई!
--
यह प्रयास जारी रहने चाहिएँ!
--
नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ!
--
जय माता जी की!

एक टिप्पणी भेजें

सभी साथियों से अनुरोध है कि यदि आपकी मातृभाषा हिंदी है,
तो यहाँ अपनी टिप्पणी भी हिंदी (देवनागरी लिपि)
में ही प्रकाशित करने की कृपा कीजिए!
टिप्पणी पोस्ट करने से पहले
ई-मेल के द्वारा सदस्यता ले लिया कीजिए,
ताकि आपकी टिप्पणी प्रकाशित होने के बाद में
यहाँ होनेवाली चर्चा का पता भी आपको चलता रहे
और आप बराबर चर्चा में शामिल रह सकें!

Related Posts with Thumbnails

"हिंदी का शृंगार" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नवगीत की पाठशाला पर पढ़िए मेरे ताज़ा नवगीत : बौराए हैं बाज फिरंगी और कर पाएँगे नहीं नाज़

-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

सप्तरंगी प्रेम पर पढ़िए मेरे ताज़ा नवगीत : मेरा हृदय अलंकृत और ओ, मेरे मनमीत!

मेरी रचनाओं का शृंगार : रावेंद्रकुमार रवि

सृजनगाथा में प्रकाशित रावेंद्रकुमार रवि की लघुकथाएँ

१. भविष्य दर्शन

२. शेर और सियार

३. तोते ४. लेकिन इस बार

५. आदर्श

  © Blogger template Shush by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP