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18 जुलाई 2010 से प्रत्येक पोस्ट में उठाई गई समस्या के समाधान से संबंधित पोस्ट भी प्रकाशित की जाएगी! पहले पूर्व प्रकाशित समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जाएगा! फिर एक सप्ताह के भीतर ही समस्या और उसके समाधान संबंधी पोस्ट प्रकाशित करने की योजना है! अपरिहार्य कारणवश ऐसा नहीं हो पा रहा है!

ग्रह और गृह : समाधान

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सोमवार, ३१ जनवरी २०११ को "हिंदी का शृंगार" पर यह पोस्ट प्रकाशित हुई थी ♥ 
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क्या निम्नांकित शब्दों में कुछ अंतर होता है? 

१. ग्रह                २. गृह




 राज भाटिय़ा,  Patali-The-Village और सिद्धार्थ जोशी  

ने इस प्रश्न का सही उत्तर दिया! 


समाधान


जो पिंड किसी तारे की परिक्रमा करता है, 
 उसे कहते हैं : ग्रह! 

जैसे : तारे सूर्य की परिक्रमा करनेवाला ग्रह : पृथ्वी! 


ग्रह



मनुष्य जिस भवन में निवास करते हैं, 
उसे कहते हैं : गृह! 


गृह



PRINCIPAL HPS SR SEC SCHOOL  – (16 फ़रवरी 2011 को 10:51 pm बजे)  

वास्तव में यह खेल-खेल में पढ़ने का अच्छा तरीक़ा है और अब इसको पढ़कर लगता है कि अब ब्लॉग लिखना पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा। वास्तव में शिक्षा और अब इसके लिए ज़रूरी नहीं परीक्षा।

डॉ. नागेश पांडेय संजय  – (17 फ़रवरी 2011 को 12:04 pm बजे)  

हिँदी के शुद्ध प्रयोग की दिशा मेँ आपका अवदान स्तुत्य है । हिँदी का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि हिँदीवालोँ को ही उसका स्पष्ट बोध नहीँ । जैसे , कम ही लोग परिचित हैँ कि बारात और इतवार शब्द उर्दू के नहीँ , हिँदी के तद्भव रूप हैँ । इनका मूल तत्सम [ वरयात्रा और आदित्यवार ] मेँ निहित है । आपको हार्दिक साधुवाद । ...करे तो कोई कमाल पैदा ।

राज भाटिय़ा  – (17 फ़रवरी 2011 को 2:47 pm बजे)  

अजी इअतने दिनो के बाद नही जल्दी जल्दी पुछा करे, मै डॉ. नागेश पांडेय "संजय" जी से सहमत हुं, धन्यवाद

रावेंद्रकुमार रवि  – (17 फ़रवरी 2011 को 4:47 pm बजे)  

ठीक है, भाटिया जी!
अब जल्दी-जल्दी पूछा करूँगा!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  – (17 फ़रवरी 2011 को 7:37 pm बजे)  

हिन्दी के ज्ञानार्जन और प्रचार-प्रसार में यह ब्लॉग बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहा है!

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