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18 जुलाई 2010 से प्रत्येक पोस्ट में उठाई गई समस्या के समाधान से संबंधित पोस्ट भी प्रकाशित की जाएगी! पहले पूर्व प्रकाशित समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जाएगा! फिर एक सप्ताह के भीतर ही समस्या और उसके समाधान संबंधी पोस्ट प्रकाशित करने की योजना है! अपरिहार्य कारणवश ऐसा नहीं हो पा रहा है!

उज्जवल भविष्य की कामना (समाधान)

मंगलवार, १३ जुलाई २०१० को "हिंदी का शृंगार" पर यह पोस्ट प्रकाशित हुई थी -

उज्जवल भविष्य की कामना


सबसे अधिक महत्व इस बात का है कि

तुमने यह सफलता अपने दम पर प्राप्त की!

मैं तुम्हारे उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ!

उक्त दो वाक्यों को पढ़कर मेरे संज्ञान में तो अभी तक दो ही अशुद्ध वर्तनियाँ आई हैं!

देखिए, आपके अनुसार कितनी वर्तनियाँ ठीक नहीं हैं!

इसे पढ़कर सबसे पहले जनदुनिया ने कहा -

हम भी उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं

फिर संगीता स्वरुप ( गीत ) ने बताया -

महत्त्व , उज्ज्वल...यही दो दिख रही हैं

बज़ से ही प्रवीण त्रिवेदी ने बताया -

उज्जवल=उज्ज्वल 13 Jul 2010


सबसे अधिक "महत्त्व" इस बात का है कि

निर्मला कपिला  – (10 सितंबर 2010 को 11:41 am बजे)  

बहुत अच्छी प्रस्तुति। धन्यवाद।

प्रेम नारायण अहिरवाल  – (27 सितंबर 2010 को 4:51 pm बजे)  

खुशी मिलती है जब कभी इस तरह से समाधान करने की शपथ ली जाँए
मुझे एक समय की बात स्मरण हो रही है मै डाँ0 हरिसिह गौर विश्वविधालय सागर मे स्नातकोत्तर अतिम बर्ष मे 1992 मे था, हमारे सहपाठी के पिताजी का निधन हो गया हम लोग उनके निवास पर सात्वना देने पहुँचे सभी औपचारिकताओ के बाद किसी की नजर उनके भवन पर पडी तो वहाँ पर अकित था (आर्शिवाद) तो पूछ लिया यह सही है या फिर (आशीर्वाद) तव कई लोगो को पता चला सही क्या है।

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